वा बहनी उर्मिला कमाल कर देस

वा बहनी उर्मिला  कमाल कर देस
दारु के बिरोध कर कड़ा संदेस दे देस
नै करेस जिनगी के सौदा बिहाव करके
भारत के नारी मन म हिम्मत भर देस
वाह बहनी उर्मिला……………..
फेरा नै रेंग सकय तऊन का साथ देतीस
सुग्घर भविष्य के तोला का बिश्वास देतीस
नरक ले बद्तर जिनगी हो जतीस तोरो
कुरीति के गाल म बने चटकन हन देस
वा बहनी उर्मिला………………..
तोर देखे जम्मो बहनी  आवाज उठाहि
तोर बिरोध के सुर म अपन सुर मिलाही
जउन बरात म दारु ओखर बिरोध होही
नारी सशक्तिकरण के तैहा पहिचान बन गेस
वाह बहनी उर्मिला………………
सुनव रे दरूहा हो अब तो सुधर जाओ
बिहाव के संस्कार म झन पिके आव
अब दुनिया बदल गेहे ये बात ल समझव्
ये नियाव के समझैया संस्कार बन गेस
वाह बहनी उर्मिला………………
दारु ह आज तक काखर काम आहे
बरतन भाड़ा तको एखर सेती बेचाय हे
घर टोरे हे ,लईका मन के बचपन नंगाय हे
ये नशा के नशइया तै देबी बन गेस
वाह बहनी उर्मिला…………….

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सुनिल शर्मा “नील”
थान खमरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
9755554470

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5 Thoughts to “वा बहनी उर्मिला कमाल कर देस”

  1. Mahendra Dewangan Maati

    वा बहिनी उर्मिला आपके कविता ह बहुत सुंदर लागिस हे |आप तत्कालिन घटना के कविता बनायेव एकर बर आप ल बधाई हो | जय जोहार

  2. sunil sharma

    महेंद्र देवांगन “”माटी””जी आपमन के माया अउ दुलार बर धन्यवाद…..जय जोहार,जय छत्तीसगढ़

    1. Hemlal Sahu

      बहुत ही सुन्दर रचना हे

  3. sunil sharma

    आदरणीय हेमलाल भाई आपमन के मया बने राहय……जय जोहार…जय छत्तीसगढ़ महतारी

  4. शर्मा जी गीत के माध्यम से बड़ा अच्छा संदेश दिए हो,ये रचना के लिए आपको बहुत बहुत बधाई हो I

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